राजरत्न आंबेडकर का जीवन परिचय | Rajratna Ambedkar biography

राजरत्न आंबेडकर भारत की एक जानी-मानी एवं लोकप्रिय शख्सियत हैं, जो एक सक्रीय सामाजिक और धार्मिक कार्यकर्ता हैं। वे डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के प्रपौत्र एवं आंबेडकर परिवार कि चौथी पीढ़ी के सदस्य हैं। वे बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया (बीएसआई) के अध्यक्ष हैं, और इसीके माध्यम से बाबासाहब आंबेडकर और भगवान बुद्ध के विचार भारत के लोगों तक पहुंचा रहे हैं। – rajratna ambedkar biography in hindi

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Rajratna Ambedkar biography in Hindi
Rajratna Ambedkar biography in Hindi

Rajratna Ambedkar biography in Hindi 

राजरत्न अशोक आंबेडकर (Rajratna Ashok Ambedkar) भारतीय सामाजिक एवं धार्मिक कार्यकर्ता और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के प्रपौत्र (Great Grandson of Dr Babasaheb Ambedkar) हैं। उनका जन्म 8 दिसंबर 1982 को हुआ था। वह वर्तमान में डॉ. आंबेडकर द्वारा स्थापित भारतीय बौद्ध महासभा यानी Buddhist Society of India के राष्ट्रीय अध्यक्ष है, और इसके माध्यम से वह भारत में आंबेडकरवाद और बौद्ध धर्म के प्रचार एवं प्रसार का काम कर रहे हैं। आज हम जानेंगे बाबासाहेब के इस वंशज के बारे में….

who is rajratna ambedkar in hindi

राजरत्न आंबेडकर कौन है

राजरत्न अशोक आंबेडकर

जन्म

8 दिसंबर 1982

व्यवसाय

धार्मिक, सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता

शिक्षा

  • मुंबई विश्वविद्यालय (BCom)

  • इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एंड फाइनेंशियल अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (DBM)

  • आईसीएफएआई विश्वविद्यालय (ADM और एमबीए)

धर्म

माता-पिता

अश्विनी आंबेडकर एवं अशोक मुकुंदराव आंबेडकर

पत्नी

अमिता आंबेडकर

संतान

एक बेटी (प्रिशा) और एक बेटा

संगठन

  • भारतीय बौद्ध महासभा (अध्यक्ष)

ई-मेल

वेबसाईट

family of rajratna ambedkar
राजरत्न आंबेडकर का परिवार – rajratna ambedkar family (facebook- Pramod Kumar Ambedkar)

राजरत्न आंबेडकर का जीवन परिचय   rajratna ambedkar biography in hindi

 

शिक्षा – Rajratna Ambedkar education

बाबासाहेब अपने समय के दुनिया के सबसे अधिक पढे लिखे राजनेता थे। राजरत्न आंबेडकर भी उच्च शिक्षित हैं। वर्ष 2003 में उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से बी.कॉम. किया। उन्होंने 2008 में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एंड फाइनेंशियल अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया – देहरादून विश्वविद्यालय से डीबीएम किया।

उसके बाद उन्होंने आईसीएफएआई विश्वविद्यालय से 2008 में अपना एडीएम (एडवांस्ड डिप्लोमा इन मैनेजमेंट) और 2010 में एमबीए किया। उन्होंने कंपनी सचिव के रूप में एक कंपनी में एक वरिष्ठ पद काम किया है। नौकरी करते हुए वह खुश नहीं थे। आखिरकार उन्होंने धम्म के सामने समर्पण करने का फैसला किया।

 

धार्मिक एवं सामाजिक कार्य – Rajratna Ambedkar works

भारतीय बौद्ध महासभा या बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया (बीएसआई) यह भारत का एक राष्ट्रीय स्तर का बौद्ध संगठन डॉ. बाबासाहब आंबेडकर द्वारा शुरू किया गया है। इसका गठन 4 मई, 1955 को हुआ था।

मुंबई में इसका मुख्यालय है, राजरत्न आंबेडकर वर्तमान में इस संगठन के चौथे और वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष है। बीएसआई यह संगठन ‘वर्ल्ड फैलोशिप बुद्धिस्ट्स’ का सदस्य है, जो एक अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संगठन है।

डॉ. बाबासाहब आंबेडकर (1956) और उनके बेटे यशवंत आंबेडकर (1957-1977) के बाद “भारतीय बौद्ध महासभा” (the Buddhist Society of India) के तीसरे अध्यक्ष राजरत्न जी के पिता अशोक आंबेडकर (1977-2017) बने थे। 2017 में अशोक आंबेडकर का निधन हुआ, उसके बाद राजरत्न आंबेडकर इस धार्मिक संगठन के अध्यक्ष बने।

 

23 सितंबर, 2015 को राजरत्न आंबेडकर को नागपुर के इंदोरा बुद्ध विहार में भदंत आर्य नागार्जुन सुरई ससाई द्वारा श्रामणेर कि दीक्षा दी गई। बाद में उन्हें “धम्म आंबेडकर” नाम दिया गया।

राजरत्न ने 23 सितंबर को उस दिन के रूप में चुना, क्योकि इसी दिन बाबासाहेब आंबेडकर को गुजरात (संकल्प भूमि) में अस्पृश्यता के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ा था। डॉ. आंबेडकर ने समूचे भारत को बुद्धमय बनाने का सपना देखा था। इसे पूरा करने के लिए, राजरत्न आंबेडकर ने बौद्ध धम्म का प्रचार करने का फैसला किया।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने एक ‘बौद्ध‘ के रूप में बौद्ध धम्म को अपनाया और दलित समाज को जातियों के दलदल से बाहर निकाला। इसलिए, राजरत्न आंबेडकर का मत है कि ‘बौद्धों’ को अपने लिए फिर से ‘दलित’ और ‘नवबौद्ध‘ (Neo-Buddhist) जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए।

इससे पहले बाबासाहेब के पुत्र यशवंत आंबेडकर (१९१२-१९७७) ने भी ऐसी राय व्यक्त की थी। ‘दलित’ यह हिंदू धर्म से संबंधित संबोधन वे मानते है, तथा नवबौद्ध यह आंबेडकरवादी बौद्धों को दि गई है एक सरकारी संज्ञा है।

राजरत्न आंबेडकर की पृष्ठभूमि महाराष्ट्र है एवं उनकी मातृभाषा मराठी है। इसके अलावा उन्होंने हिंदी एवं अंग्रेजी भाषाओं को भी आत्मसात किया है। वह अक्सर अपने विचार प्रकट करने के लिए हिंदी भाषा का उपयोग करते हैं, ताकि उनके वे समूचे भारत के लोगों के बीच पहुंच सके और डॉ. बाबासाहब आंबेडकर और भगवान बुद्ध के विचार भारत के अधिकतर लोगों तक पहुंचा सके।

 

दिल्ली में धर्मांतरण कार्यक्रम, 2022

दिल्ली में, 5 अक्टूबर 2022 को “धम्मचक्र प्रवर्तन दिन” के अवसर पर राजरत्न आंंबेडकर ने लगभग 10,000 लोगों को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी।

इस धर्मांतरण कार्यक्रम में राजरत्न आंबेडकर ने लोगों को को बाबासाहब द्वारा निर्धारित 22 प्रतिज्ञाएं भी दी थी, तथा इस कार्यक्रम में दिल्ली आप गवर्नमेंट के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल थे। यह धर्मांतरण कार्यक्रम काफी न्यूज़ में भी है।

इन 22 प्रतिज्ञाएं के सार्वजनिक उच्चारण मात्र से हिंदू धर्मावलंबियों के भावनाएं आहत हुई हैं, इस तरह के बयान बीजेपी के नेताओं द्वारा आए हैं और उन्होंने आप सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को निशाना बनाया है।

लेकिन इन नेताओं को समझने की जरूरत है कि बौद्ध धर्म अपनाने के समय 22 प्रतिज्ञाओं को अनिवार्य रूप से ग्रहण किया जाता है। इन्हीं प्रतिज्ञाएं के माध्यम से लाखों लोग अपने पुराने धर्म से नाता तोड़ते हैं और बौद्ध धर्म से जुड़ते हैं।

आपको बता दें कि, इसी दिन नागपुर में दीक्षाभूमि पर भी बौद्ध धर्मांतरण का भव्य कार्यक्रम हुआ जिसमें 50,000 से ज्यादा लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया।

 

आंबेडकर परिवार – Ambedkar family tree

rajratna ambedkar father name

Rajaratna Ambedkar is Great Grandson of Dr Babasaheb Ambedkar
आंबेडकर परिवार कि वंशावली : राजरत्न और बाबासाहेब को उल्लेखित किया गया है। (स्रोतः मराठी विकिपीडिया) rajratna ambedkar family tree

Rajratna Ambedkar relation with Babasaheb Ambedkar

Dr BR Aambedkar family tree
Rajratna Aambedkar family tree

राजरत्न आंबेडकर का जीवन परिचय – दरहसल राजरत्न आंबेडकर डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के बडे भाई आनंदराव के पड़पोते (प्रपौत्र) है, मुकुंदराव आंबेडकर (बाबासाहेब के भतीजे) के पोते (पौत्र) है। राजरत्न आंबेडकर के पिता का नाम अशोक आंबेडकर है। वे (राजरत्न) डॉ. आंबेडकर के चौथी पीढ़ी के सदस्य है।

उनकी माता का नाम अश्विनी आंबेडकर तथा पिता का नाम अशोक मुकुंदराव आंबेडकर (1950—2017) है। मुकुंदराव आंबेडकर (1913 – 1958) बाबासाहब के भतीजे है, और उनके बडे भाई आनंदराव के बेटे है।
राजरत्न आंबेडकर की शादी अमिता आंबेडकर से हुई है और उन्हें एक बेटी भी है, जिसका नाम प्रिशा है। बेटी के बाद उन्हें एक बेटा भी हुआ। raj ratan ambedkar
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर और रमाबाई को कुल 5 बच्चे हुए थे, उनमें से एक का नाम “राजरत्न” था। राजरत्न बाबासाहब का सबसे चहेता बच्चा था, किंतु वो बचपन में ही गुजर गया। उसी के नाम के आधार पर आज के राजरत्न अशोक आंबेडकर का नाम रखा गया है।

 

राजरत्न व प्रकाश आंबेडकर के बीच रिश्ता

Rajratna Ambedkar relation with Adv. Balasaheb Ambedkar

Descendants of Dr BR Ambedkar at present
वर्तमान में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के वंशज – (बाएँ से दाएँ ओर – पहली लाइन [पौत्र]) प्रकाश, रमा [पौत्री], भीमराव, आनंदराज; (दूसरी लाइन [प्रपौत्र]) राजरत्न, सुजात, साहिल और अमन।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के सगे पोते और यशवंत आंबेडकर के पुत्र प्रकाश आंबेडकर, जो एक दलित राजनीति में बड़ा नाम है, और वे राजरत्न आंबेडकर के चाचा है। आनंदराज आंबेडकर भी राजरत्न के चाचा है, और सुजात आंबेडकर राजरत्न के चचेरे भाई है। प्रकाश आंबेडकर के इकलौते पुत्र सुजात है। rajratna ambedkar biography in hindi

 

राजनीतिक कैरियर

राजरत्न आंबेडकर तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकीन कभी भी नही जीते। 2014 के लोकसभा चुनावों में,  राजरत्न आंबेडकर ने नांदेड़ लोकसभा क्षेत्र में ‘बहुजन मुक्ति पार्टी’ के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें तीसरे नंबर के वोट मिले,  और पहले स्थान पर रहे अशोक चव्हाण जीते।

 

सोशल मिडिया पर

राजरत्न आंबेडकर सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते हैं, और वहां डॉ. आंबेडकर, आंबेडकराइट मूवमेंट तथा बौद्ध धर्म के संबंधी जानकारियां साझा करते हैं।

  • Facebook पर उनके 5.84 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स है।
  • YouTube पर उनके 46 हजार subscribers हैं।
  • Twitter पर उनके 75 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स है।
  • Instagram पर उनके 72 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स है।

 

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संदर्भ व बाहरी कड़ियाँ


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13 thoughts on “राजरत्न आंबेडकर का जीवन परिचय | Rajratna Ambedkar biography

  1. Main aapse prabhavit hun aapse milkar kam karna chahte hain main Jharkhand mein bam Shiv sangathan se juda hun Gautam Buddh security agency AVN Baba Sahab society ke naam se samajik karykartaon mein nokha vidhansabha se vidhansabha ka chunav bhi lad chuka hun Jay Bheem Jay mulniwasi Jay Bharat.

  2. जय भीम जय संविधान
    महोदय आप का कार्य से मैं सहमत हूं और इस पर आप के साथ काम करना चाहता हूं। मैं गया बिहार से आता हूं और रेलवे में कार्यरत हूं

      1. Ha sir
        Jay Bheem Namo buddhay aaj main praud feel kr raha hu ki main 34 yers ka hone ke bad ye sab pata chala he

  3. Very nice.we also learn more about Baba Saheb and his mission I am also learn more and doing mission as my power.Jai Bheem.Namobuddhay.

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