भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की मूर्तियाँ (Statues of Dr Ambedkar) सभी भारतीयों के लिए बाबासाहेब की सांस्कृतिक विरासत हैं। जैसा कि आप जानते ही होंगे कि भारत में सबसे ज्यादा मूर्तियां या स्टेचू डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के हैं, और इनकी संख्या एक लाख से ज्यादा होगी। बाबासाहेब की मूर्तियाँ भव्य और सुन्दर हैं। – Statues of Dr Ambedkar in Delhi
भारत की राजधानी दिल्ली में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की कई खूबसूरत मूर्तियाँ हैं। ये मूर्तियाँ दिल्ली के लिए भी गौरव का विषय हैं। इन आंबेडकर प्रतिमाओं (Statues of Dr Ambedkar) को लोग सलाम करते हैं। आइए जानते हैं दिल्ली में स्थित बाबासाहेब की दस प्रतिमाओं के बारे में, जो महत्वपूर्ण भी हैं और खूबसूरत भी हैं।
महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना इन तीन राज्यों में क्रमशः 450 फीट, 125 फीट और 125 फीट ऊंची बाबासाहेब की विशाल प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं, जो वर्ष 2023-24 के दौरान बनकर तैयार होंगी। विस्तार से पढ़े
दिल्ली में लगी डॉ. आंबेडकर की 10 सुन्दर मूर्तियां
1. नोर्थ डीएमसी हेडकॉर्टर (सिविक सेंटर)

2. भारतीय संसद भवन

नई दिल्ली के संसद भवन क्षेत्र में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की पञ्चधातु की मूर्ति स्थापित की गई है। इस मूर्ति की ऊंचाई 12.5 फीट है, जबकि आधार के साथ मूर्ति की कुल ऊंचाई लगभग 25 फीट है। आंबेडकरवादी समाज ने जनता के माध्यम से प्रतिमा के लिए धन जुटाया था।
डॉ. आंबेडकर की इस मूर्ति को मुंबई के मूर्तिकार ब्रह्मेश विनायक वाघ ने बनाया था। प्रतिमा का वजन डेढ़ टन है। बाबासाहेब की इस प्रतिमा के बाये हाथ में भारत का संविधान पुस्तक है। उनका दाहिना हाथ पूरी तरह से ऊपर उठा हुआ है और उनकी तर्जनी भारतीय संसद भवन की ओर इशारा कर रही है।
संविधान निर्माता की प्रतिमा का अनावरण भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 2 अप्रैल, 1967 को किया था। अनावरण समारोह में उपराष्ट्रपति जाकिर हुसैन, उपप्रधान मंत्री मोरारजी देसाई, भारत के गृहमंत्री यशवंतराव चव्हाण, लोकसभा अध्यक्ष नीलम संजीव रेड्डी, रिपब्लिकन नेता दादासाहेब गायकवाड, बाबासाहेब के बेटे यशवंत आंबेडकर, हुमायूँ कबीर और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
संसद भवन परिसर में स्थापित बाबासाहेब की यह दूसरी प्रतिमा है। इससे पहले इस क्षेत्र में केवल मोतीलाल नेहरू की प्रतिमा लगाई गई थी। आंबेडकर जयंती और महापरिनिर्वाण दिवस पर, भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल आदि इस प्रतिमा को अभिवादन करते है।
3. महाराष्ट्र सदन
दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में भी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की एक सुंदर प्रतिमा स्थापित की गई है। इस मूर्ति में बुजुर्ग बाबासाहेब को कुर्सी पर बैठे हुए दिखाया गया है। महाराष्ट्र सदन नई दिल्ली में महाराष्ट्र सरकार के स्वामित्व वाली संपत्ति है। इस सदन में महाराष्ट्र की कई महान हस्तियों की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। सदन परिसर में प्रमुख स्थानों पर छत्रपति शिवाजी महाराज, भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और महात्मा जोतीराव फुले की मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
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4. दिल्ली विधानसभा

दिल्ली विधानसभा के सामने भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा लगाई गई है। इस प्रतिमा का अनावरण 8 दिसंबर 2001 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की उपस्थिति में सोनिया गांधी ने किया था। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष, विधायक, मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यपाल जैसे आदि राजनेता डॉ. आंबेडकर की जयंती एवं महापरिनिर्वाण दिवस पर दिल्ली विधानसभा में स्थित उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। दिल्ली और पंजाब के सरकारी दफ्तरों में केवल डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें लगाई गई हैं।
Statues of Dr Ambedkar in Delhi
5. डॉ. आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र

डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में कुर्सी पर बैठे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की एक बहुत ही सुंदर मूर्ति है, जिसके पीछे संसद भवन की एक शानदार प्रतिकृति है। 7 दिसंबर, 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया गया। डॉ. आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (Dr. Ambedkar international Centre) नई दिल्ली में स्थित एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र है। यह दिल्ली का बाबासाहेब आंबेडकर को समर्पित पहला स्मारक है। भारत सरकार इसे अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के सामाजिक और आर्थिक विकास का केंद्र बनाना चाहती है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अप्रैल, 2015 को भवन का शिलान्यास किया और उन्होंने ही 7 दिसंबर, 2017 को इस अंतर्राष्ट्रीय केंद्र का उद्घाटन किया। (विकिपीडिया लेख )
6. डॉ. आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (2)

बाबासाहेब की एक और 18 फीट ऊंची प्रतिमा डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के परिसर में लगाई गई है। 7 दिसंबर, 2017 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस आंबेडकर प्रतिमा का अनावरण किया गया था। केंद्र के अंदर और बाहर बाबासाहेब की दो मूर्तियां शान से विराजमान हैं।
7. डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक (महापरिनिर्वाण भूमी)

डॉक्टर बाबासाहेब आंबेडकर की एक सुंदर मूर्ति डॉ. आंबेडकर नेशनल मेमोरियल में स्थित है। डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक यह 26 अलीपुर रोड, दिल्ली में स्थित एक राष्ट्रीय स्मारक है। इस घर में 1951 से 1956 तक बाबासाहेब रहे। यहाँ ही उनका महापरिनिर्वाण यानि निधन 6 दिसम्बर 1956 को हो गया, इसलिए इस वास्तु को ‘महापरिनिर्वाण स्थल‘ या ‘परिनिर्वाण भूमि’ के नाम से जाना जाता है। बाबासाहब के घर को स्मारक में बदलकर इसका उद्घाटन 13 अप्रैल, 2018 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। इस स्मारकीय इमारत की संरचना एक खुली किताब की तरह है, और यह किताब भारतीय संविधान है। यह संरचना ‘ज्ञान की खोज का प्रतीक’ है। इस स्मारक पर करीब 200 करोड़ रुपये की लागत आई है। केंद्र सरकार द्वारा बाबासाहेब आंबेडकर के संबंध में विकसित किए जाने वाले पांच स्थानों (पंचतीर्थ) में से एक डॉ आंबेडकर नेशनल मेमोरियल है। इस स्मारक में बाबासाहेब की एक सुंदर कांस्य धातु की मूर्ति है जो 12 फीट ऊंची है। स्मारक के प्रवेश द्वार पर बाबासाहब का दूसरा एक स्टैचू (bust) भी लगाया गया है। (विकिपीडिया लेख)
8. आंध्र प्रदेश भवन

दिल्ली के आंध्र प्रदेश भवन में बाबासाहेब आंबेडकर की एक मूर्ति लगाई गई है। आंध्र प्रदेश भवन जिसे लोकप्रिय रूप से एपी भवन के नाम से जाना जाता है, नई दिल्ली में आंध्र प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाली संपत्ति है। इसके परिसर में आवास, कैंटीन और सभागार है। एपी भवन नई दिल्ली में 19.84 एकड़ भूमि पर स्थित है। (Statues of Dr Ambedkar)
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9. CAG कार्यालय

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) के कार्यालय परिसर में भी डॉ. बी.आर. आंबेडकर की एक बहुत आकर्षक मूर्ति लगाई गई है। 22 जुलाई 2022 को भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू द्वारा इस मूर्ति का अनावरण किया गया। मूर्ति के पीछे संसद भवन की सुन्दर प्रतिकृति भी मूर्ति की शोभा बढाती है।
“भारत का नियंत्रक और महालेखा परीक्षक संभवतः भारत के संविधान का सबसे महत्त्वपूर्ण अधिकारी है. वह ऐसा व्यक्ति है जो यह देखता है कि संसद द्वारा मान्य खर्चों की सीमा से अधिक धन खर्च न होने पाए. या संसद द्वारा विनियोग अधिनियम में तय मदों पर ही धन खर्च किया जाए.” – डॉ. भीमराव आंबेडकर

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