विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश, में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 125 फीट की ऊंची मूर्ति का निर्माण कार्य जारी है। अगस्त 2023 में इस भव्य प्रतिमा का काम लगभग पूरा हुआ, और संविधान दिवस, 26 नवंबर 2023 को इसका अनावरण होगा। 80 फीट ऊंचे चबूतरे के सहित इस प्रतिमा की कुल ऊंचाई 205 फीट है। 14 अप्रैल 2030 में बनी, हैदराबाद की 175 फीट ऊंची आंंबेडकर प्रतिमा से भी यह प्रतिमा ऊंची है। – Dr Ambedkar statue in Vijayawada

एक तरफ तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बाबासाहब की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का लोकार्पण 14 अप्रैल 2023 को हुआ। दुसरी तरफ आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर में भी एक दुसरी बाबासाहब की 125 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चूका है।
125 feet tall Dr Ambedkar statue in Vijayawada

आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर के केंद्र में स्वराज्य मैदान है, जिसमें ‘डॉ. बी. आर. आंबेडकर स्मृति वनम’ यानि ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मारक’ बनाया जा रहा है। इसी स्मारक में संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 125 फीट (38 मीटर) ऊंची भव्य प्रतिमा का लगाई जाएगी।
यह 125 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा 80 फुट ऊंचे चबूतरे या आधार भवन पर स्थापित है। चबूतरे के साथ इस मूर्ति की कुल ऊंचाई 205 फीट (62.48 मीटर) है।
बाबासाहब की इस भव्य प्रतिमा के जूतों का वजन 12 टन एवं ऊंचाई 12 फीट है। आधार भवन, कन्वेंशन सेंटर, बेसमेंट सहित अन्य कार्यों को पूरा कर लिया गया है। 125-feet Ambedkar statue in Vijayawada
डॉ बाबासाहब आंंबेडकर की मूर्ति भारत के शीर्ष 10 सबसे ऊंची मूर्तियों में चौथे स्थान पर है, तथा दुनिया की शीर्ष 90 सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है।
आंध्र प्रदेश के राज्य के समाज कल्याण मंत्री मेरुगु नागार्जुन ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मृति वनम’ समिति के अध्यक्ष है। शिक्षा मंत्री ओडिमुलपु सुरेश ने कहा, “125 फुट की आंबेडकर प्रतिमा दलितों के आत्मसम्मान का प्रमाण है।” आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि “डॉ. बी.आर. आंबेडकर की प्रस्तावित 125 फीट ऊंची प्रतिमा स्मारक उद्यान के साथ उच्च गुणवत्ता की होगी और प्रतिमा में एक चमकीली चिंगारी होगी।”
9 जुलाई, 2020 को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के बीचों-बीच स्थित स्वराज मैदान में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का शिलान्यास किया था।
उस वक्त जगन मोहन रेड्डी ने कहा था, “डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में एक महान शक्ति थे। डॉ. आंबेडकर ने अंग्रेजी भाषा में महारत हासिल करने के अपने दृढ़ संकल्प के माध्यम से अंग्रेजी शिक्षा के महत्व को साबित किया।”
“Dr. Babasaheb Ambedkar was a great force in the country’s social, economic and political spheres. Dr. Ambedkar had proved the importance of English education through his determination to master the language.” – Chief Minister YS Jagan Mohan Reddy
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2015 में, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भारतीय संविधान के निर्माता के 125वीं जयंती के अवसर पर ₹200 करोड़ रूपये लागत से डॉ. आंबेडकर परियोजना की घोषणा की थी। यह परियोजना आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के इनावोलु गांव में लागू की जानी थी। इस परियोजना में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का भव्य स्मारक और उनकी 125 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने की योजना थी।
लेकिन सत्ता में आने के चार साल बाद भी वह इस काम को अंजाम नहीं दे पाए। बाद में जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मृति वनम’ परियोजना को छोड़ दिया, और विजयवाड़ा शहर में इसके समान नई परियोजना, जिसमें बाबासाहेब का भव्य स्मारक और उनकी 125 फीट ऊंची मूर्ति बनाने का फैसला किया। 9 जुलाई, 2020 को मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने विजयवाड़ा में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा का शिलान्यास किया।
इस प्रतिमा को डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर बनाने का निर्णय लिया गया था, इसलिए इस प्रतिमा की ऊंचाई भी 125 फीट रखी गई है। अब डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है।
मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने ‘पीडब्ल्यूडी मैदान’ के नाम से जाने वाले स्वराज्य मैदान का नाम बदलकर ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्वराज्य मैदान’ कर दिया है। इस प्रतिमा का अनावरण 14 अप्रैल 2023 को होना था हालांकि स्मारक का काम पूरा नहीं हो सका। राज्य सरकार ने कहा है की डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्मृति वनम का काम जोरों पर है और अगस्त 2023 में इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। 10 अगस्त 2023 तक प्रतिमा का 95% से ज्यादा काम पूरा चूका है।
डॉ आंंबेडकर मूर्ति की विशेषताएं

- विजयवाड़ा में बन रहा डॉ. आंबेडकर स्मारक 20 एकड़ में होगा। प्रारंभ में स्मारक के लिए केवल 7 एकड़ भूमि उपलब्ध थी, लेकिन शेष कंस्ट्रक्शन को हटाना पड़ा और स्मारक के लिए अन्य 13 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई।
- स्मारक में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 125 फीट ऊंची प्रतिमा होगी, जो देखने में बेहद भव्य और आकर्षक लगेगी।
- यह आंबेडकर प्रतिमा 80 फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित की जाएगी, जिससे प्रतिमा की कुल ऊंचाई 205 फीट होगी। यह दुनिया की सबसे ऊंची आंबेडकर प्रतिमा होगी।
- प्रतिमा में बाबासाहब के जूते लगभग 12 फीट ऊंचे हैं, जिनका वजन करीब 12 टन है।
- बाबासाहेब की यह प्रतिमा कांस्य धातु से बनी होगी।
- स्मारक का निर्माण विजयवाड़ा के स्वराज्य मैदान (पीडब्ल्यूडी मैदान) में किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी ग्राउंड का नाम बदलकर ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर स्वराज्य मैदान’ रखा गया है।
- जिस स्थान पर यह भव्य प्रतिमा खड़ी होने जा रही है, वहां अब साढ़े 12 फीट की एक आदर्श (model) प्रतिमा है, जो उस 125 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा की प्रतिकृति है।
- यह एक प्रतिष्ठित परियोजना होगी और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण होगी।
- 20 एकड़ स्मारक भूमि पर एक सुंदर उद्यान विकसित किया जाएगा, जिसमें आकर्षण का केंद्र आंंबेडकर की भव्य मूर्ति होंगी। इस स्मारक में मूर्तियां, उद्यान, अनुसंधान केंद्र और अन्य संरचनाएं भी शामिल हैं।
- पुस्तकालय, संग्रहालय और गैलरी के निर्माण के अलावा, स्मारक में डॉ. आंबेडकर की जीवनी भी दिखाई जाएगी। पार्क में चौड़ी गलियों और आकर्षक फुटपाथों पर बाबासाहेब के सुविचार को प्रदर्शित किया जाएगा।
- भारत भर के विभिन्न स्थानों से डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के स्मारकों की छवियां यहां होंगी; जिसमें दीक्षाभूमि (नागपुर), चैत्यभूमि (मुंबई), आंबेडकर स्मारक (लखनपुर) और प्रेरणा स्थल (नोएडा) को दिखाया जाएगा।
- इस प्रतिमा को बनाने में 352 मीट्रिक टन स्टील और 112 मीट्रिक टन पीतल का इस्तेमाल किया जाएगा।
- 2,000 लोगों की क्षमता वाला एक सभागार, 500 लोगों की क्षमता वाला एक ओपन थिएटर और साथ ही एक ध्यान केंद्र विकसित किया जाएगा।
- इस परियोजना पर कुल लागत 400 करोड़ रुपये हैं।
- चेन्नई स्थित IIIT ने प्रतिमा की डिजाइन बनाई है। इस प्रतिमा को आंध्र प्रदेश राज्य के मंत्रियों, विधायकों और तेलुगू लोगों के सुझावों और राय को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
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वर्तमान में सबसे ऊंची आंंबेडकर प्रतिमाएं
जयपुर, राजस्थान की डॉ. आंबेडकर मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी में भी बाबासाहब की एक ऊंची प्रतिमा है, जो वर्तमान में डॉ आंबेडकर की सबसे ऊंची प्रतिमा है। हालांकि इसकी ऊंचाई के बारे में जानकारी नहीं है। इस प्रतिमा के चित्र देखने से उसकी भव्यता का पता चलता है (देखें)। यह प्रतिमा बोरबंदा की आंबेडकर प्रतिमा से ऊंची भी है।
2019 में, तेलंगाना सरकार पहले ही बोरबंदा (Borabanda) में सेंटर फॉर दलित स्टडीज में डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की 27 फीट 6 इंच ऊंची प्रतिमा स्थापित कर चुकी है। यह वर्तमान समय में बाबासाहब की दुसरी सबसे ऊंची प्रतिमा है।
डॉ आंबेडकर की पांच सबसे ऊंची मूर्तियां, जिनमें से दो निर्माणाधीन है।
प्रतिमा | स्थान | ऊंचाई | कुल ऊंचाई | अनावरण | |
---|---|---|---|---|---|
1 | हैदराबाद, तेलंगाना | 125 फीट | 175 फीट (आधार भवन – 50 फीट) | 14 अप्रैल 2023 | |
2 |
डॉ. बी. आर. आंंबेडकर स्मृतिवनम
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विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश | 125 फीट | 205 फीट (आधार भवन – 80 फीट) | अगस्त 2023 |
3 |
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक (समानता की प्रतिमा)
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मुंबई, महाराष्ट्र | 350 फीट | 450 फीट (आधार भवन – 100 फीट) | 14 अप्रैल 2024 |
4 |
डॉ आंंबेडकर प्रतिमा
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जयपुर, राजस्थान | |||
5 |
आंंबेडकर प्रतिमा
|
बोरबंदा, तेलंगाना | 27 फीट 6 इंच | 2019 |
सारांश
इस लेख में विजयवाड़ा की निर्माणाधीन डॉ. बाबासाहेब आंंबेडकर की मूर्ति (Dr Ambedkar statue in Vijayawada) के बारे में जानकारी दी गई है। जैसे जैसे प्रतिमा के निर्माण का कार्य आगे बढ़ेगा वैसे वैसे इस लेख की जानकारी को अपडेट किया जाएगा। धन्यवाद।
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