थाईलैंड में डॉ आंबेडकर की प्रतिमा | Dr Ambedkar statue in Thailand

थाईलैंड के एक बौद्ध मंदिर में बोधिसत्व डॉ बाबासाहब आंबेडकर की अर्ध प्रतिमा स्थापित की गई। यह दोनों भारतीय तथा थाई बौद्धों के लिए महत्वपूर्ण हैं। Dr Ambedkar statue in Thailand

Dr Ambedkar statue in Thailand
च्यांगराई, थाईलैंड में डॉ आंबेडकर प्रतिमा; प्रतिमा की दाईं ओर थाई भिक्षु वाजीरामेधी तथा बाईं ओर गगन मलिक (Facebook – Gagan Malik)

Dr Ambedkar statue in Thailand

बौद्ध अभिनेता गगन मलिक की 29 जनवरी 2023 की एक फेसबुक पोस्ट से हमें पता चलता है कि थाईलैंड में उनकी उपस्थिति में बाबासाहेब की प्रतिमा का अनावरण हुआ है।

थाईलैंड के परम आदरणीय भिक्षु वाजीरामेधी (Vajiramedhi) के 50वें जन्मदिवस के अवसर पर उन्होंने थाईलैंड के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा बनाई गई बोधिसत्व डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा के एक सबसे सुंदर साँचे को च्यांगराई, थाईलैंड (Chiangrai, Thailand) में उनके बौद्ध मठ में स्थापित करने के लिए प्रस्तुत किया।

थाईलैंड के राय चेर्न तवन विपश्यना केंद्र (Rai Chern Tawan Vipassana Centre), च्यांगराई में बोधिसत्व डॉ आंबेडकर की प्रतिमा लगाई गई है। थाईलैंड एक बौद्ध देश है, जहां की 95% बौद्ध धर्म की अनुयाई हैं।

इससे पहले भी दुनिया कई देशों में बाबासाहब की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं। बौद्ध बहुल देशों की बात करें तो जापान, वियतनाम और थाईलैंड में ही बाबासाहब की प्रतिमाएं मौजूद हैं।

 

1975 से थाईलैंड में डॉ आंबेडकर 

डॉ भीमराव रामजी आंबेडकर की छवी और विचार थाईलैंड में 1975 से देखे जा रहे है। लोकतंत्र पर डॉ बाबासाहब आंबेडकर के दूरगामी विचारों ने थाई लेखकों को प्रभावित किया क्योंकि डॉ आंबेडकर ने जाति व्यवस्था को खत्म करने और भारत में वंचित समुदायों के बीच स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को बढ़ावा देने का प्रयास किया।

डॉ आंबेडकर ने भारतीय संविधान के निर्माण में सबसे अहम भूमिका निभाई और दलित आंदोलन एवं समुदाय के नेता के रूप में भी आजीवन कार्य किया। इसके अलावा, थाई लेखक बौद्ध धर्म के बारे में डॉ आंबेडकर के विचारों देखते हुए उन्हें एक मसीहा या बोधिसत्व के रूप में देखते हैं, जिन्होंने भारत में एक नव-बौद्ध आंदोलन की शुरुआत की और भारतीय बौद्ध धर्म को पुनर्जीवित किया।

थाई भिक्षुओं ने थाई बौद्ध समुदाय को डॉ आंबेडकर की बौद्ध धर्म की अवधारणा को बताने में महत्वपूर्ण मध्यस्थ के रूप में काम किया है क्योंकि उनके पास भारत में अध्ययन और रहने का प्रत्यक्ष अनुभव है। शिक्षाविदों और प्रसिद्ध लेखकों ने भी बौद्ध धर्म और लोकतंत्र के बारे में डॉ आंबेडकर के विचारों को व्यक्त किया है। (देखें)

 

दुनिया में 18 बौद्ध बहुल देश और गणराज्य हैं, जिनमें जापान और थाईलैंड ही ऐसे देश है जहां डॉ आंबेडकर की मूर्तियां है। जल्द ही इस सूची में वियतनाम भी शामिल होंगा, जहां बाबासाहब की 10 मूर्तियां अप्रैल 2023 को लगाई जायेगी।

एक महत्वपूर्ण बात यह है कि थाईलैंड दुनिया का चौथा सबसे बड़ी बौद्ध आबादी वाला देश है। दुनिया में सबसे बड़ी बौद्ध आबादी वाले शीर्ष पांच देश निम्नलिखित हैं। (बौद्ध आबादी और उस देश में बौद्धों के अनुपात सहित)

  1. चीन — 75,00,00,000 (50% बौद्ध )
  2. जापान — 12,10,00,000 (96% बौद्ध )
  3. वियतनाम — 7,37,00,000 (75% बौद्ध )
  4. थाईलैंड6,65,00,000 (95% बौद्ध )
  5. म्यांमार — 5,00,00,000 (90% बौद्ध )

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