द्रौपदी मुर्मू के डॉ. बाबासाहब आंबेडकर पर विचार

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कई बार संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर को लेकर अपने विचार व्यक्त कर चुकी हैं। आदिवासी समुदाय से आने वाली द्रौपदी मुर्मू दलितों-शोषितों के मसीहा बाबासाहेब आंबेडकर को ईश्वर के समकक्ष मानती है।

President Draupadi Murmu's views on Dr. Babasaheb Ambedkar
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर (गणराज्य भारत के निर्माता) और द्रौपदी मुर्मू (भारत की राष्ट्रपति)

भारत की 15वीं और वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन महापुरुषों को अपना आदर्श एवं प्रेरणास्रोत मानती है – डॉ. बाबासाहब आंबेडकरमहात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू। 25 जुलाई 2022 को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। वह सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति है। इस लेख में हम जानेंगे की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के बारे में क्या कहा हैं

 13 फरवरी 2023 

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 13 फरवरी 2023 को लखनऊ में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने डॉ. आंबेडकर के बारे में कहा,

ये मेरे लिए हर्ष का विषय है कि आज मुझे डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर स्थापित बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ। डॉ. भीमराव आंबेडकर मेरे लिए भगवान के समान हैं। डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कुछ ऐसा किया था, जिसकी वजह से मैं आज आपके सामने (राष्ट्रपति के रूप में) खड़ी हूं।

बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन में जितना संघर्ष था उतना ही उल्लेखनीय उनका कार्य भी था। बचपन से ही मेधावी छात्र रहे डॉ. आंबेडकर ने अनेक चुनौतियों और बाधाओं का सामना करते हुए देश-विदेश में श्रेष्ठ शिक्षा हासिल की। एक प्रसिद्ध विद्वान, मानवाधिकार कार्यकर्ता, और कुशल वकील होने के साथ साथ वे स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता और देश के पहले कानून मंत्री भी थे।

अपनी दूर दृष्टता के द्वारा उन्होंने अपने व्यक्तिगत उपलब्धियों का इस्तेमाल समाज कल्याण हेतु व्यवस्था और प्रक्रिया को सुधारने के लिए किया। उनका जीवन मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित था। उनके आदर्श और मूल्यों से प्रेरणा लेकर आप विद्यार्थी कठिन से कठिन लक्ष्यों को साध सकते हैं।

डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का मानना था कि गरीबों और जरूरतमंद लोगों को शिक्षा प्रदान करना एक विश्वविद्यालय का मौलिक कर्तव्य है। उनके अनुसार एक शैक्षणिक संस्थान को बिना किसी भेदभाव के सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करनी चाहिए।

मुझे बताया गया है कि यह विश्वविद्यालय एससी और एसटी छात्रों को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर उनके उत्थान के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है। मुझे विश्वास है कि बाबासाहब आंबेडकर के नाम पर बना यह विश्वविद्यालय उनके आदर्शों के अनुरूप देश एवं प्रदेश में शिक्षा का प्रसार करता रहेगा।  सन्दर्भ  सन्दर्भ 2

 

Draupadi Murmu on Babasaheb Ambedkar
President Draupadi Murmu’s views on Dr. Babasaheb Ambedkar (Twitter)

 13 अप्रैल 2023 

13 अप्रैल 2023 को भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. बाबासाहब आंबेडकर के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर नागरिकों को शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति ने कहा है,

हमारे संविधान के शिल्पकार बाबासाहब भीमराव रामजी आंबेडकर के जन्मदिवस के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।

ज्ञान के प्रतीक और विलक्षण प्रतिभा के धनी डॉ. आंबेडकर ने एक शिक्षाविद, न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनेता और समाज सुधारक के रूप में प्रतिकूल परिस्थितियों में भी राष्ट्र के कल्याण के लिए निरंतर संघर्ष किया और ज्ञान की अलख जगाई। समाज के वंचित समुदाय को मुख्य धारा में लाने के लिए उनका ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’ – का मूल मंत्र समाज के लिए सदैव उपयोगी रहेगा। कानून के शासन में उनकी अडिग आस्था तथा सामाजिक और आर्थिक समानता के लिए उनकी प्रतिबद्धता हमारे लोकतंत्र का संबल है।

आइए, इस अवसर पर हम सब डॉ. आंबेडकर के आदर्शों और जीवन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें और एक समतामूलक तथा समृद्ध राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ते रहें।  सन्दर्भ


संविधान दिवस पर 26 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट में डॉ. आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया।


इस लेख पर आपके क्या विचार हैं कृपया हमें बताएं। यह लेख “बाबासाहेब आंबेडकर पर भारतीय राष्ट्रपतियों के विचारों” की पहली कड़ी है। कृपया डॉ. आंबेडकर जी के बारे में द्रौपदी मुर्मू के अन्य विचारों को भी हमारे साथ साझा करें। धन्यवाद।


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