आंबेडकर जयंती या भीम जयंती : डॉ॰ बाबासाहब आंबेडकर का जन्म दिन १४ अप्रैल को पर्व के रूप में भारत समेत पूरे संसार में मनाया जाता है। इस दिन को ‘समानता दिवस’ और ‘ज्ञान दिवस‘ के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकी जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले डॉ. आंबेडकर को समानता और ज्ञान के प्रतीक माना जाता है।
Ambedkar Jayanti 2021: जानें आंबेडकर जयंती से जुड़े हुए रोचक तथ्य
डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर के जन्मदिन पर हर साल उनके करोड़ों अनुयायी उनके जन्मस्थल भीम जन्मभूमि, महू (मध्य प्रदेश), बौद्ध धम्म दीक्षास्थल दीक्षाभूमि, नागपुर, उनका समाधी स्थल चैत्य भूमि, मुंबई और कई स्थानिय जगहों पर उन्हें अभिवादन करने लिए इकट्टा होते है।
सरकारी दफ्तरों और भारत के बौद्ध विहारों में भी आंबेडकर की जयंती मनाकर उन्हें नमन किया जाता है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जी कि जयंती के अवसर पर हम जानते है आंबेडकर जयंती से जुडे हुये 15 अंजान व रोचक तथ्य…
Dr. B.R. Ambedkar Jayanti Interesting Facts in Hindi
बाबासाहेब आंबेडकर जयंती के बारे में 15 ऐसी बातें जो शायद आप नहीं जानते!
डॉ. बाबासाहब विश्व भर में उनके मानवाधिकार आंदोलन, संविधान का निर्माण तथा उनकी प्रकांड विद्वता के लिए जाने जाते हैं। यह दिवस उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है।
1) डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जयंती हर साल 100 से भी अधिक देशों में मनाई जाती है।
2) डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करते रहे, इसलिए उनके जन्मदिन को भारत में ‘समानता दिवस‘ (National Equality Day) के रूप में मनाया जाता है, और लंबे समय से इस दिन को “अंतर्राष्ट्रीय समानता दिवस” (International Equality Day) घोषित करने की मांग संयुक्त राष्ट्र में की जाती है।
3) भारतीय डाक (India Post) ने 1966, 1973, 1991, 2001 और 2013 में अंबेडकर के जन्मदिन को समर्पित डाक टिकट जारी किए थे, और उन्हें 2009, 2015, 2016, 2017 और 2020 में अन्य टिकटों पर भी चित्रित किया।
4) बाबासाहेब के 100वे जन्मदिवस के अवसर पर 14 अप्रैल 1990 को, उन्हे को भारतरत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उसी वर्ष उनका एक तैलचित्र का संसद के सेंट्रल हॉल में अनावरण भी किया गया। 14 अप्रैल 1990 – 14 अप्रैल 1991 की अवधि को बाबासाहेब की याद में “सामाजिक न्याय का वर्ष” के रूप में मनाया गया था ।
5) संयुक्त राष्ट्र ने लगातार 3 साल – 2016, 2017 और 2018 में आंबेडकर जयंती मनाई। 2016 में, उनकी 125 वी जयंती 102 देशों में तथा United Nations में 156 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा मनाई गई थी। संयुक्त राष्ट्र ने बाबासाहब को “विश्व का प्रणेता” कहा था।
6) आंबेडकर जयंती भारत के 25 से अधिक राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में एक सार्वजनिक अवकाश है, जिसमें आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पांडिचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
भारत में किसी भी ऐतिहासिक तथा पौराणिक व्यक्ती कि तुलना में बाबासाहेब का जन्मदिवस ही सबसे अधिक राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में एक सार्वजनिक अवकाश है।
7) 6 अप्रैल 2020 को, कनाडा में, 14 अप्रैल को “डॉ. बी.आर. आम्बेडकर डे ऑफ इक्वेलिटी” (Dr. B.R. Ambedkar Day of Equality) के रूप में मनाया जाना तय किया गया था। यह निर्णय काउंसिल ऑफ द सिटी ऑफ बर्नबी, कनाडा द्वारा लिया गया था।
8) 2021 में, कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत कि सरकार ने 14 अप्रैल को अपने ब्रिटिश कोलंबिया राज्य में “डॉ. बी. आर. आम्बेडकर समानता दिवस” (Dr. B. R. Ambedkar Equality Day) के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। 2022 में भी ऐसा निर्णय लिया गया हैं।
आंबेडकर जयंती
9) बाबासाहब की जयंती के अवसर पर उनसे संबंधित करोड़ो रुपयों की किताबें खरीदी जाती हैं। मुख्य रूप से आंबेडकर जयंती जिस स्थानीय जगह लोग इकट्ठा होकर मनाते हैं वह काफी सारे बुक स्टॉल भी होते हैं। नागपुर की दीक्षाभूमि और मुंबई की चैत्य भूमि में बहुत ही ज्यादा बड़ी संख्या में किताबों की बिक्री होते हैं।
10) बाबासाहब की जयंती के उपलक्ष में देश-विदेश में मौजूद करोड़ो लोग उन्हें अभिवादन करने हेतु उनके कुछ लाख पुतलों तथा प्रतिमाओं पर पुष्प माला चढ़ाते हैं।
11) देश के अन्य राष्ट्रीय नेताओं के जन्म दिनों की तुलना में आंबेडकर जयंती पर बाबासाहेब के बारे में Internet और Wikipedia पर सबसे अधिक जानकारी खोजी जाती है। यानी वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, इंदिरा गांधी इन सभी से ज्यादा डॉ. आंबेडकर इंटरनेट एवं विकिपीडिया खोजें तथा पढ़े जाते हैं।
12) अंबेडकर जयंती के अवसर पर, बाबासाहब की जानकारी अंग्रेजी और हिंदी के बाद मराठी में सबसे अधिक खोजी एवं पढ़ी जाती हैं।
आंबेडकर जयंती
13) आंबेडकर जयंती को सार्वजनिक तौर पर पहली बार सदाशिव रणपिसे द्वारा १४ अप्रेल १९२८ में पुणे शहर में मनाया गया था। सदाशिव रणपिसे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के अनुयायी थे। उन्होंने आंबेडकर जयंती की प्रथा शुरू की और जयंती के अवसरों पर बाबासाहेब की प्रतिमा हाथी के अंबारी में रखकर, रथसे, उंट के उपर कई रेलीया निकाली थी।
14) 2017 में, महाराष्ट्र सरकार ने 14 अप्रैल को बाबासाहेब की याद में ज्ञान दिवस (Knowledge Day) के रूप में घोषित किया है।
आंबेडकर जयंती
15) 14 अप्रैल 2015 को, आंबेडकर के 124 वें जन्मदिन के लिए एक Google डूडल प्रकाशित किया गया था। इस डूडल को भारत, अर्जेंटीना, चिली, आयरलैंड, पेरू, पोलैंड, स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम में चित्रित किया गया था। तीन महाद्विपों के देशों में यह डुडल था।
16) संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) में कोलोराडो सरकार ने अपने राज्य में 14 अप्रैल को ‘डॉ. बी.आर. अंबेडकर न्यायसम्य दिवस‘ (Dr. B.R. Ambedkar Equity Day) के रूप मनाने का निर्णय लिया गया है।
17) 13 अप्रैल 2022 को तमिलनाडु सरकार ने भी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जन्मदिन को ‘समानता दिवस‘ (Equality Day) के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।
18) 2022 में, जर्सी सिटी (न्यू जर्सी राज्य, यूएसए) के नगर निगम ने बाबासाहेब के जन्मदिन को ‘समानता दिवस’ के रूप में घोषित किया है।
19) 2022 में, Surrey शहर (ब्रिटिश कोलंबिया राज्य, कनाडा) के नगर निगम ने भी बाबासाहेब के जन्मदिन को ‘समानता दिवस’ (Equality Day) के रूप में घोषित किया है।
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